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शासन के बदले नियम से क्या हो पाएगी सभी शिक्षकों की पदोन्नति ?



प्रयागराज: परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रथम नियुक्ति तिथि के आधार पर शिक्षकों का प्रमोशन होगा। आरटीई के मानकों को ध्यान में रखते हुए पदोन्नति प्रक्रिया होगी। शासनादेश के अनुसार जो शिक्षक कार्रवाई की जद में हैं या फिर उन पर कोई कार्रवाई होगी वह पदोन्नति से वंचित होंगे। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों को प्रमोशन मिलेगा।

प्राथमिक के सहायक अध्यापक को हेड मास्टर व जूनियर में सहायक अध्यापक बनाया जाएगा। शासन से निर्देश आने के बाद अब जिले में वरिष्ठता सूची बन रही है। शासन ने पदोन्नति प्रक्रिया में आरटीई नियमों को लागू किया है।  जिन स्कूलों में 150 बच्चे होंगे केवल वहीं पर प्रधानाध्यापक का पद रहेगा, जबकि जूनियर में यह आंकड़ा 100 पर है। प्रदेश में काफी प्राथमिक स्कूल ऐसे हैं, जिनमें 150 से कम बच्चे हैं तो वहां पर कार्यवाहक प्रधानाध्यापक रहेगा।  पदोन्नति शिक्षकों का डाटा पोटल पर अपलोड हो रहा है। शासन से सूची जारी होने के बाद ही शिक्षकों को स्कूलों में प्रमोशन दिया जाएगा।

स्कूलों में कार्यवाहक प्रधानाध्यापक

बेसिक स्कूलों में वर्षों बाद शिक्षकों की पदोन्नति हो रही है। विगत वर्षों की दो बार की पदोन्नति का मामले में कोर्ट में विचाराधीन हैं, जिन पर अभी कोई निर्णय नहीं आया है। 150 की कम छात्र संख्या पर वहां प्रधानाध्यापक का पद सृजित नहीं होगा। नए नियमों में छात्र संख्या लागू होने से हजारों शिक्षकों का प्रधानाध्यापक बनने का सपना तोड़ दिया है।

नया नियम ,नए व पुराने शिक्षकों के लिए हमेशा बना रहेगा पदोन्नति का रोड़ा

इस नियम से हानि सभी शिक्षकों की है पहले से पदोन्नत शिक्षक जो जूनियर के सहायक हैं या प्राथमिक के प्रधानाध्यापक हैं ,उनके लिए 100 से कम छात्र संख्या के जूनियर स्कूल का प्रधानाध्यापक बनना असंभव है और प्रदेश में अधिकतर जूनियर विद्यालयो में 100 की छात्र संख्या नहीं है।

            वहीं सबसे बड़ा संकट नए शिक्षकों के भविष्य पर पड़ेगा क्योंकि इधर लगभग 8 वर्षों में लाखों शिक्षकों की भर्ती ,प्राथमिक विद्यालय में हुई है और लगभग इतने ही वर्षों से बेसिक विद्यालय में पदोन्नति भी नहीं हुई है,इसलिए पदोन्नति की चाह रखने वाले शिक्षकों की संख्या भी सर्वाधिक है ,कंपोजिट विद्यालय होने और 150 से कम छात्र संख्या पर प्रधानाध्यापक का पद सृजित न होने के कारण , अधिकांश शिक्षक ऐसे भी रह जायेंगे जो रिटायरमेंट तक पदोन्नति का केवल इंतजार ही करते रह जायें।

1 टिप्पणियाँ

  1. कुछ भी हो जाये लेकिन सरकार ट्स से मस नही होगी। और कहीं मानक नहीं देखा रहा है लेकिन यहाँ मानक बहुत जरूरी हो गया है इनके लिए।

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