कानपुर। आपके किचन और बर्तन कितने ही साफ-सुथरे हों, आपका खाना शुद्ध नहीं है। आप रोज ही लाशों को संरक्षित रखने वाला केमिकल फार्मलीन, भूसी, राख, पिसी हुई ईंट और लेड क्रोमेट जैसी चीजें खा रहे हैं। यह सभी अखाद्य वस्तुएं खाने के साथ पेट में जा रही हैं। ब्रांडेड-गैर ब्रांडेड खोवा, दूध, घी, पनीर, मिर्च, हल्दी हर वस्तु में मिलावट है। देर-सबेर यह आपकी सेहत का सत्यानाश भी करेंगी। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान' ने बाजार की इन खाद्य वस्तुओं का लैब में परीक्षण कराया तो भीषण मिलावटखोरी का खुलासा हुआ है।
ब्रांड के नाम पर बड़े धोखे एक बड़े ब्रांड के हल्दी पाउडर में लेड क्रोमेट की मिलावट की पुष्टि हुई। खास बात यह कि खुले बाजार से लिए गए हल्दी पाउडर सैंपल में कम लेड क्रोमेट मिला। यही हाल बड़े ब्रांड की मिर्च पाउडर का रहा। इसमें भारी मात्रा में पिसी ईट पाई गई। खुले बाजार की मिर्च में कम मिलावट थी। बड़े ब्रांड के धनिया पाउडर में भूसी और राख मिली। एक बड़े ब्रांड के पैक्ड तेल में भी अशुद्धियां पाई गईं। रावतपुर से लिए गए खुले दूध में फार्मलीन की भीषण मिलावट पाई गई।
ऐसे कराई गई नमूनों की जांच
हिन्दुस्तान' टीम ने दूध, पनीर, खोवा, देसी घी, हल्दी, मिर्च, धनिया और सरसों का तेल खरीदा। सभी वस्तुओं का एक सैंपल खुले बाजार से लिया गया और एक सैंपल किसी बड़े ब्रांड का खरीद के वक्त दुकानदारों को यह नहीं बताया गया कि इनकी जांच होगी। इन खाद्य पदार्थों के सैंपल नारामऊ स्थित बीएआई लैब में जांचे गए। यह लैब आईआईटी के इन्क्यूबेटर रहे डा. संदीप पाटिल संचालित करते हैं। डा. संदीप के मुताबिक लैब को एनएबीएल रजिस्ट्रेशन नंबर मिल चुका है। यहां फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथारिटी ऑफ इंडिया के मानकों के मुताबिक खाद्य वस्तुओं की शुद्धता की जांच की जाती है। इन नमूनों की जांच कर इनकी रिपोर्ट 'हिन्दुस्तान' को दी है। इसमें 17 खाद्य नमूनों में मिलावट की तस्दीक की गई है।
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