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अब्सेंट रहने वाले शिक्षकों के खिलाफ हाईकोर्ट गंभीर

नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए बीएसए, मऊ से मांगा जवाब



विधि संवाददाता, प्रयागराज

 इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों में शिक्षकों के अनुपस्थिति के मामले को गंभीरता से लेते हुए बीएसए, मऊ से इस संदर्भ में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर जानकारी मांगी है कि विद्यालयों में शिक्षकों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय किए गए हैं।

कोर्ट ने कहा कि प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों की अनुपस्थिति प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के लिए अभिशाप है। ऐसे में कानून का कड़ाई से पालन कर इस समस्या का समाधान करना अत्यंत आवश्यक है। इसके साथ ही कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव की ओर से अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता से जानकारी मांगी है कि इस संदर्भ में राज्य सरकार ने पूर्व में क्या कदम उठाए हैं तथा शिक्षकों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने तथा शिक्षकों की अनुपस्थिति पर अंकुश लगाने के लिए क्या उपाय प्रस्तावित हैं।

» शिक्षिका के नियमित रूप से स्कूल से अनुपस्थित रहने का मामला

दरअसल, याची द्रौपदी देवी द्वारा नियमित रूप से स्कूल से अनुपस्थित रहने के कारण वर्तमान मामला उत्पन्न हुआ है। बीएसए की ओर से उपस्थित अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि याची के अनुपस्थित रहने के कारण स्कूल के शैक्षणिक कार्य बाधित हो रहे हैं, जिससे बच्चों के सामने शैक्षणिक भ्रम और क्लिष्टता की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस पर कोर्ट ने बीएसए, मऊ से कहा कि बिना स्वीकृत अवकाश के अनुपस्थित रहने पर याची के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यों नहीं की गई। उक्त आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट की एकलपीठ ने द्रौपदी देवी की याचिका को आगामी 26 नवंबर के लिए सूचीबद्ध करते हुए पारित किया।

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