नई दिल्ली (एजेंसी)। 1 जनवरी 2025 से जनगणना का काम सारे देश में शुरू हो जाएगा। सभी राज्यों की सीमा 31 दिसंबर 2024 को सील कर दी जाएगी। ताकि जनगणना के आंकड़ों में कोई परिवर्तन ना हो।
घर घर जाकर पहली बार डिजिटल जनगणना होगी। इसके लिए 34 सवालों का एक फॉर्म तैयार किया गया है। जिसमें जनगणना करने वाले प्रगणक घर के मुखिया से जानकारी प्राप्त करेंगे। जनगणना करने वाले प्रत्येक प्रगणक को 225000 का भुगतान किया जाएगा। जनवरी 2025 से जनगणना का काम शुरू हो जाएगा।
इस बार की जनगणना में 34 प्रकार के सवाल पूछे जाएंगे। जिसमें प्रमुख रूप से घर में मुख्य अनाज, खाना पकाने का ईंधन, पीने के पानी का स्रोत, शौचालय की सुविधा, वाहन की उपलब्धता, घर में बिजली की उपलब्धता, गदे पानी का निकास, नहाने की सुविधा उपलब्ध है, या नहीं। मोबाइल फोन और इंटरनेट की जानकारी, जाति व्यवस्था के लिए (एससी एसटी एवं अन्य) घर के सदस्यों की संख्या, उम्र, घर पक्का है या कच्चा, यह जनगणना फार्म में शामिल किए गए हैं। परिवार के प्रत्येक व्यक्ति को एक आईडी नंबर भी डिजिटल जनगणना में दिया जाएगा।
इस बार की जनगणना में बैंक खातों से संबंधित जानकारी नहीं ली जाएगी। जाति जनगणना को लेकर जो विवाद चल रहा है। उसे सरकार ने जनगणना फार्म में शामिल नहीं किया है। जनगणना में केवल एससी एसटी पिछड़ा वर्ग एवं अन्य को शामिल किया गया है।
जनगणना के लिए प्रत्येक प्रगणक के पास 150 परिवारों की जानकारी जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रत्येक परिवार के सदस्यों की संख्या, जाति, लिंग, और अन्य आवश्यक जानकारी डिजिटल फॉर्म प्रगणक द्वारा दर्ज की जाएगी।
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