इस माह 30 तक गठित कर ली जाएंगी समितियां और 1 दिसंबर से हो जाएंगी क्रियाशील
" विद्यालय में पारदर्शिता बनाए रखने और विकास कार्यों में भागीदारी बढ़ाने के लिए समितियों को वित्तीय मामलों में सहभागी बनाया गया है। निर्माण कार्यों की निगरानी के लिए उपसमितियां भी गठित की जाएंगी। - संदीप सिंह, बेसिक शिक्षा मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार ) "
प्रदेश सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता, सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने और विद्यालय प्रबंधन में सुधार के लिए विद्यालय प्रबंध समितियों (एसएमसी) के पुनर्गठन की प्रक्रिया तेज कर दी है। बच्चों के अधिकार और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की प्रक्रिया में विद्यालय प्रबंध समिति को सशक्त और मजबूत होना अनिवार्य है।
> विभिन्न वर्गों के 11 अभिभावक सदस्यों में 50 प्रतिशत महिलाएं होंगी शामिल
मिड-डे मील व अन्य शैक्षिक योजनाओं की गुणवत्ता की निगरानी की होगी जिम्मेदारी
>> विद्यालय विकास योजना तैयार करना और धन का सदुपयोग सुनिश्चित करने का भी दायित्व
वर्तमान शैक्षिक सत्र 2022 23 के लिए गठित एसएमसी का कार्यकाल 30 नवंबर को समाप्त हो रहा है। इस कारण सरकार ने नई समितियों के गठन का निर्णय लिया है ये समितियां 30 नवंबर तक गठित कर ली जाएंगी और 1 दिसंबर से क्रियाशील हो जाएंगी।
दो वर्षों का होगा कार्यकाल
प्रत्येक समिति का कार्यकाल 24 माह का होगा। इसका उद्देश्य समितियों को पर्याप्त समय देकर शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। आपात स्थितियों (जैसे महामारी) में कार्यकाल को बढ़ाया या घटाया भी जा सकता है।
नई समितियों में कुल 15 सदस्य होंगे, जिनमें 11 सदस्य अभिभावक होंगे और उनमें से 50 प्रतिशत महिलाएं होंगी। शेष 4 नामित सदस्यों में स्थानीय प्राधिकारी, एएनएम, लेखपाल और प्रधानाध्यापक अथवा प्रभारी शामिल होंगे। समितियों में सामाजिक समरसता सुनिश्चित करने के लिए एससी, एसटी, ओबीसी और कमजोर वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित है।
यह है गठन प्रक्रिया
योगी सरकार ने समिति के गठन को पूरी तरह से पारदर्शी बनाया है। समिति के पुनर्गठन के लिए अभिभावकों की खुली बैठक आयोजित की जाएगी। चयन प्रक्रिया में विवाद की स्थिति में खंड शिक्षा अधिकारी की देखरेख में गोपनीय मतदान कराया जाएगा।
एक टिप्पणी भेजें