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समायोजन:सरकार की नीति हाईकोर्ट ने अवैध ठहराई

 शिक्षकों की तरफ से मुख्य पैरवी अमरीश तिवारी और हिमांशु राणा ने की



प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के समायोजन को लेकर सरकार जून माह से अग्रसर थी ढपरन्तु शिक्षकों के द्वारा मनमाने तरीके से किये जा रहे समायोजन के विरुद्ध इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच की एकल पीठ में याचिका दायर की गई जिसमें शिक्षकों द्वारा सरकार के जून और अगस्त माह के शासनादेश को चुनौती दी गयी जिनमें सरकार का मत ये था कि प्राथमिक विद्यालय में सबसे कनिष्ठ सहायक अध्यापक को जून माह की छात्र संख्या कम होने पर अन्य विद्यालय में समायोजित किया जाएगा।


ऐसे तो हर बार जूनियर शिक्षक का ही होगा स्थानांतरण

कोर्ट ने कहा कि शासनादेश और सर्कुलर में ऐसा कोई भी कारण नहीं दर्शाया गया है, जिसमें उक्त स्थानांतरण नीति में सेवाकाल को आधार बनाए जाने का औचित्य हो। कोर्ट ने कहा कि यदि इस नीति को जारी रखा गया तो हर बार जूनियर अध्यापक स्थानांतरण के द्वारा समायोजित होता रहेगा और सीनियर जहां है, वहीं हमेशा बना रहेगा। ऐसे में स्थानांतरण नीति भेदभावपूर्ण है और संविधान के अनुच्छेद 14 के अनुरूप नहीं है।



इस मामले की सुनवाई लगातार 20 दिन लखनऊ बेंच में जस्टिस माथुर की बेंच में हुई जिसका आदेश दिनांक 6.11.2024 को सुनाया गया, आदेश में जस्टिस माथुर ने सरकार द्वारा समायोजन के लिए समय-समय पर निकाले गये आदेश को अवैध ठहराया जिससे राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा। शिक्षकों की तरफ से लखनऊ बेंच में मुख्य पैरवी अमरीश तिवारी और हिमांशु राणा ने की। सरकार के द्वारा 150 से कम छात्र संख्या होने पर ऐसे विद्यालयों में कार्यरत हेड शिक्षकों को ऐसे विद्यालयों में समायोजित किया जा रहा था, जहाँ छात्र संख्या 150 से अधिक हो, जबकि याचिकाकर्ता अजय तोमर का कहना है कि सरकार द्वारा ऐसा समायोजन का आदेश संवैधानिक उल्लघन तो है ही, इसके अलावा सरकार की बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 के भी विरुद्ध है इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने हेड शिक्षकों के समायोजन पर स्थगनादेश देकर सरकार से जवाब मांगा है, परन्तु अभी तक सरकार द्वारा कोई भी जवाब दाखिल नहीं किया गया। पदोन्नति मामले में मुख्य याचिकाकर्ता हिमांशु राणा ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ द्वारा जनवरी में पारित हुए आदेश जिसमें कहा गया था कि NCTE के नियमानुसार TET उत्तीर्ण शिक्षकों को ही पदोन्नति की जाए परन्तु सचिव बेसिक शिक्षा परिषद् प्रयागराज ने माह मई में कम्पोजिट विद्यालयों में कार्यरत हेड शिक्षकों को ही उच्च प्राथमिक के सहायक के रूप में मनमाने तरीके से पदस्थापन कर दिया, जबकि वे TET उत्तीर्ण नहीं थे। उस मामले को लेकर हिमांशु राणा ने सचिव बेसिक शिक्षा प्रयागराज के विरुद्ध लखनऊ बेंच में अवमानना याचिका दाखिल की, जिस पर आदेश करते हुए न्यायालय ने सचिव से पूछा कि इस अवमानना के लिए आपको दण्डित क्यों न किया जाए इसका दीजिए। उक्त मामले की सुनवाई अगले सप्ताह होनी है।

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