पढ़िए बेस्टसेलिंग कलेक्टर साहिबा सिरीज़ की अगली पेशकश! जहाँ पहले भाग में, एंजल और गिरीश का प्रेम चरम पर पहुँचा था, वहीं दूसरे भाग में, एंजल IAS बनने के बाद करियर और प्यार के बीच उलझ जाती है और उसे सच्चे दिल से चाहने वाला गिरीश, आत्म-सम्मान और भावनाओं के बीच फंस जाता है। क्या एंजल ने अपने सपनों की ख़ातिर, अपने प्यार गिरीश को ही छोड़ दिया या उनके प्रेम ने समय की इस परीक्षा को पार किया? इन सवालों का जवाब तलाशने के लिए पढ़ें उपन्यास, कलेक्टर साहिबा का यह दूसरा भाग। कलेक्टर साहिबा - 2 में एंजल और गिरीश के दृष्टिकोण से रिश्तों की पेचीदगियों और महत्त्वाकांक्षाओं के टकराव को दिखाया गया है। यह उपन्यास प्रेम, करियर और आत्म-सम्मान के ऊहापोह को ख़ूबसूरती से बुनता है; साथ ही, पाठकों को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या प्यार और करियर एक साथ निभाए जा सकते हैं या किसी एक की बलि चढ़ानी ही पड़ती है।
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