लखनऊ, विशेष संवाददाता। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने मंगलवार को बिजली निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों का समर्थन कर रहे राज्य कर्मचारियों के 10 प्रमुख संगठनों से बात की। इस दौरान मुख्य सचिव ने निजीकरण को प्रदेश के कायाकल्प का बड़ा कदम बताया।
संघर्ष समिति से हो बात
बैठक समाप्त होने पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी तथा उत्तर प्रदेशीय चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रामराज दुबे ने मुख्य सचिव से कहा कि निजीकरण के मुद्दे पर कोई भी बात करनी है तो विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के समिति के पदाधिकारियों से बात करें।
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वार्ता में कर्मचारी नेताओं ने कहा कि निजीकरण के मुद्दे पर कुछ कहना और समझना है तो विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे व उनकी टीम के साथ वार्ता की जानी चाहिए। किसी भी संगठन ने मुख्य सचिव के मंतव्यों से सहमति नहीं जताई। वार्ता के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि बिजली कंपनियां घाटे में हैं। निजीकरण कर स्थिति में सुधार करने का प्रस्ताव है। इससे प्रदेश का कायाकल्प हो जाएगा।
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